Friday, January 9, 2015

Dr.Shalini Agam

एक मुस्कान  
अगर आज मेरी मुस्कराहट से,
एक दिल भी खुश होता है,
अगर आज मेरे खिलखिलाने से ,
एक कली भी मुस्कुराती है,
अगर आज मेरे किसी एक ,
कार्य  से कोई मन गुनगुनाता है....................
तो लीजिए हम मुस्कुरा दिए
प़र..............................
मेरी ये मुस्कराहट केवल होठों प़र ही नहीं,
मेरे सत्कर्मों में भी होगी ,
जिसमे किसी जरूरतमंद की ,
कोई इच्छा पूरी होगी,
तभी मेरी ये मुस्कराहट सार्थक होगी
डॉ.शालिनिअगम

1 comment:

Unknown said...

किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी...,
इँतज़ार तेरा...मुझे पूरा मरने भी नही देता...!