Wednesday, October 12, 2011

बालक के जन्मदिवस पर
बालक है मेरे प्रेमपुष्प,
सींचती हूँ
मैं ममत्व जल से
बालक है मेरे सूर्य पुंज
किरणों को उनकी  चमकाती  हूँ
अपनी उर्जा से
बालक है मेरे रजत चन्द्र
 दमकाती हूँ अपनी चांदनी से, 
आदित्य  शुभम  हैं मेरे गर्व गौरव्

शक्तिमान,दैदीप्यमान   हैं  मेरी कामना से

बालक है मेरे मांगलिक दीप,
प्रज्ज्वलित है मेरे आशीर्वादों से,
हर माँ के समान ,मैने भी देखा है स्वप्न,
कुसुमित पल्लवित हो महकें  जीवन क्यारी में,
संस्कारो की कड़ी धूप में निखरे कंचन से,
बडो का आदर,छोटो से प्यार करें दिल से,
नैतिकता व् राष्ट्रहित में लगे रहें मन से,
माँ पा के अनुशासन में, संरक्षण में,
आगे बढे जग से''........................
......................डॉ स्वीट एंजिल