Thursday, August 5, 2010

SHALINIAGAM (SHUBH AAROGYAM) मुझे सफल होना ही है


नमस्ते भारतवर्ष ,
सफल व्यक्तियों से इर्ष्या मत करो ,उनसे कुछ सीखो
कोई सफल व्यक्ति आपका शत्रु हो या मित्र ,उससे इर्ष्या न करके ये जानने का प्रयत्न करो कि उसकी सफलता का रहस्य क्या है। उसकी कामयाबी देख कर,एशो -आराम देख कर जलो मत बल्कि उसकी गतिविधियों का अवलोकन करो ................अगर वह गलत तरीके अपना रहा है तो जाने दो उसकी नक़ल मत करो लेकिन यदि उसकी मेहनत और लगन से वह उपर उठा है तो उसका अनुसरण अवश्य करो.........
उसके जीवन को पढो,उसकी गतिविधियों पर नज़र रखो और सीखो कि उसने किन गुणों के आधार पर सफलता प्राप्त की । अपनी कमियों को तीक्ष्ण दृष्टि से परखो और दूर करके सफल व्यक्ति के गुण अपनाओ।
सफलता कितने लम्बे संघर्ष के बाद मिलती है ,कितनी खुशियाँ और सुख-साधन कुर्बान करने पड़ते है,कितनी मेहनत करनी पड़ती है,ये सब जान कर ही अपने आप को तैयार करो,और दृढ़ता से जुट जाओ अपनी मंजिल को पाने के लिए।
चाहे कोई भी काम आरम्भ करो,उसमे अपनी संकल्प इच्छा -शक्ति को प्रबल करो और यही बार-बार मन में दोहराते रहो कि यह काम में अवश्य करूंगा । ध्येय यह हो -'मुझे सफल होना ही है'और ये शब्द जैसे ही कान में पड़ेंगे मन और शरीर उत्साह से अपने लक्ष्य की ओर कार्य करने लगेगा।
'निरंतर प्रयत्न और दृढ विश्वास से कठिनाइयाँ भी लजा जातीं है और असंभव भी संभव में परिवर्तित हो जाता है।

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