Wednesday, June 2, 2010

शालिनिअगम ( कुछ शब्द मेरे अपने )


मेरा नृत्य कोई और नहीं कर सकता,
मेरा गीत कोई और नहीं गा सकता,
मेरे उत्सव कोई और नहीं मना सकता,
मैं अपनी रचियता स्वम हूँ,
शालिनीअगम
२०१०
comment:
hi sweety,
you deserve to love and respect yourself and to honour your creative yearnings...........
yours

सौन्दर्यमयी सुश्री शालिनी ,
अहो भाग्य ! जो आपकी सुंदर रचना पढने का सौभाग्य प्राप्त हुआ .
भविष्य में भी इसी प्रकार क्रियाशील रहिएगा.
आपका प्रशंसक

6 comments:

SHRIKANT said...

GOOD LINES

J.J said...

SHALINI U R AMAZING

rajnikant said...

I LIKE YOUR STYLE
I WANT TO MEET YOU SHAAAAAAA

suuuuuuu said...

shaaa you are a culture person
very inteligent

Roopesh (Merchent nevy) said...

OUTSTANDING SHALINI

shyam gupta said...

और यह ’मैं’ कौन है ?, हे सौन्दर्यमयी, सर्वगुण्सम्पन्न, सौभाग्यशालिनी !-